The #PensionFundRegulatoryDevelopmentAuthority (#PFRDA) ने आज #NationalPensionSystem (#NPS) और #AtalPesionYojna(#APY) के तहत 6 लाख करोड़ (6 ट्रिलियन) रुपये के एसेट अंडर मैनेजमेंट (एयूएम) के मील के पत्थर को पार करने का ऐलान किया
वित्त मंत्रालय
पेंशन निधि नियामक और विकास प्राधिकरण का एसेट अंडर मैनेजमेंट 6 ट्रिलियन रुपये के पार पहुंचा
6 लाख ट्रिलियन पेंशन एसेट पहुंचने की बड़ी वजह एनपीएस और एपीआई खाताधारक हैं
एनपीएस के तहत 21 मई 2021 तक 8791 कॉरपोरेट और 11.53 लाख खाताधारकों ने नामांकन किया है
अटल पेंशन योजना के तहत 2.82 करोड़ खाताधारक जुड़े हैं
पेंशन निधि नियामक और विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) ने आज नेशनल पेंशन सिस्टम (एनपीएस) और अटल पेंशन योजना (एपीवाई) के तहत 6 लाख करोड़ (6 ट्रिलियन) रुपये के एसेट अंडर मैनेजमेंट (एयूएम) के मील के पत्थर को पार करने का ऐलान किया है। यह उपलब्धि उसे 13 साल बाद हासिल हुई है। अहम बात यह है कि एयूएम में एक ट्रिलियन रुपये की बढ़ोतरी सिर्फ 7 महीनों में हासिल की गई है।
एनपीएस योजना में 74.10 लाख सरकारी कर्मचारियों और गैर-सरकारी क्षेत्र से 28.37 लाख व्यक्तियों के शामिल होने के साथ, पीएफआरडीए ने पिछले कुछ वर्षों में एनपीएस ग्राहकों में उल्लेखनीय वृद्धि देखी है। पीएफआरडीए के कुल ग्राहकों की संख्या बढ़कर 4.28 करोड़ हो गई है।
पेंशन निधि नियामक और विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) के अध्यक्ष श्री सुप्रतिम बंद्योपाध्याय ने कहा, " 6 ट्रिलियन एयूएम के इस महत्वपूर्ण पड़ाव तक पहुंचने पर हमें बेहद प्रसन्नता है। खास बात यह है कि सात महीने पहले अक्टूबर 2020 में हम 5 ट्रिलियन रुपये के एयूएम पर थे। ऐसे में यह बढ़ोतरी काफी उल्लेखनीय है। इस उपलब्धि से पता चलता है कि एनपीएस और पीएफआरडीए में ग्राहकों का विश्वास कायम है। इस महामारी के दौरान बढ़ती जागरूकता की वजह से व्यक्तियों द्वारा सेवानिवृत्ति योजना को प्राथमिकता दी गई, ताकि भविष्य में उनकी वित्तीय स्थिति बेहतर बनी रहे। ”
21 मई 2021 तक, एनपीएस और अटल पेंशन योजना के तहत ग्राहकों की कुल संख्या 4.28 करोड़ को पार कर गई है और एयूएम बढ़कर 603,667.02 करोड़ रुपये हो गया है।
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पीएफआरडीए के बारे में
पेंशन निधि नियामक और विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए)
नेशनल पेंशन सिस्टम (एनपीएस) संसद द्वारा स्थापित एक वैधानिक प्राधिकरण है। जिसके पास पेंशन योजनाओं को रेग्युलेट करने, बढ़ावा देने और उसकी बढ़ोतरी सुनिश्चित करने का अधिकार है। एनपीएस को शुरू में केंद्र सरकार के कर्मचारियों की भर्ती के लिए 1 जनवरी 2004 से लागू किया गया था। और उसे बाद में लगभग सभी राज्य सरकारों द्वारा अपने कर्मचारियों के लिए अपनाया गया। एनपीएस का स्वैच्छिक आधार पर सभी भारतीय नागरिकों (निवासी/ अनिवासी/ ओवरसीज) और अपने कॉरपोरेट्स कर्मचारियों के लिए विस्तार किया गया है।
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